उत्तर भारत में नए साल की पहली बारिश होगी जल्द, लेकिन सर्दी में फिलहाल राहत की कोई संभावना नही:

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उत्तर के मैदानी भागों में पिछले 10/12 दिनों से तेज़ ठंड पड़ रही है। क्योकि न तो न्यूनतम तापमान नीचे जा रहा है और न ही अधिकतम तापमान ऊपर जा रहा है, दोनो तापमान के बीच कम अंतर से दिन/रात में एक जैसी तेज़ ठंड पड़ रही है।

कोहरे का कारण:
एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है। जो खाड़ी से नम हवाओ को मध्य व उत्तर भारत की धकेल रहा है।
साथ मे एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरप्रदेश पर मौजूद हैं। जिससे कोहरे के बनने के लिए नमी पर्याप्त मात्रा में मिल रही है।

दिन में तो कोहरा कई जगहों से हट जाता है जैसे कि अवध, बुंदेलखंड, पश्चिमी यूपी, दिल्ली, दक्षिण हरियाणा, पूर्वी पंजाब और मध्य राजस्थान पर।
मगर जहाँ मध्य स्तर की हवाओ का लगातार पूर्वी बहाव है जैसे उत्तर राजस्थान, पश्चिमी पंजाब, पश्चिमी हरियाणा में, यहां कोहरे की मोटी परत छाई हुई है जिसको दिन में टूटने में काफी समय लगता है। जहाँ दिन में परत कमजोर होकर पतली हो जाती है वहां इतना शाम हो जाती है। शाम को कोहरा फिर से गहराता हुआ उत्तर भारत के ज्यादातर इलाको पर छा जाता है।

उत्तर भारत की आज दोपहर की ताज़ा सैटेलाइट तस्वीर। पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान कोहरे की चादर में लिपटे हुए हैं वही मध्यप्रदेश पर गर्ज़िले बादल छाए हुए हैं।

जल्द ही लगातार बन रहे इस कोहरे में कमी आने के आसार हैं, क्योंकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को जल्द ही प्रभावित करेगा। जो अपने साथ तेज उत्तर पश्चिमी हवाएं लाएगा। जिसके कारण उत्तर व मध्य भारत पर बने छोटे-बड़े चक्रवाती/प्रतिचक्रवाती हवाओं के क्षेत्र इन इलाकों से गायब हो जाएंगे।
पश्चिमी विक्षोभ में गुजरने के बाद भी कोहरा मैदानों में जरूर देखा जाएगा, लेकिन उसकी अवधि थोड़ी रहेगी जो मैदानी भागों में पूरे-पूरे दिन तक नहीं छाएगा।

आगे का मौसम पूर्वानुमान:
● उत्तर भारत को 8 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करने वाला है।
● बंगाल की खाड़ी पर बने एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण आगामी सिस्टम का असर मध्य भारत पर भी देखने को मिलेगा।
● इस आगामी पश्चिमी विक्षोभ के असर से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण राजस्थान पर विकसित होगा।
● दो अलग-अलग सिस्टम के बीच एक ट्रफ का निर्माण होगा, जो दक्षिणी गुजरात के तटीय इलाकों से होती हुई दक्षिण राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड और फिर यूपी के पूर्वी इलाकों तक बनेगी।

8 जनवरी को आ रहे नए सिस्टम से सबसे पहले बारिश सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, पूर्वी गुजरात, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान व पश्चिमी मध्यप्रदेश के इलाकों में हल्की बारिश होगी। कुछ जगह तेज़ बारिश व ओलावृष्टि भी हो सकती है।

पहाड़ी राज्यो सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व उत्तर राजस्थान में मौसम बारिश के हिसाब से लगभग साफ लेकिन कोहरे वाली चादर छाई रहेगी। साथ मे WD के प्रभाव से बादलवाही भी शाम से बढ़ना शुरू कर देगी।

9 जनवरी को पर आता हुआ ताज़ा WD और खाड़ी पर ACC की स्तिथि।

9 जनवरी को दक्षिण व पूर्वी गुजरात, उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और अवध के इलाकों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। कुछ जगह भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि भी संभव है।

वही उत्तर गुजरात, पश्चिमी व उत्तर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बादलवाही छाए रहने की उम्मीद है। बारिश की कोई खास उम्मीद नही है। सिर्फ दक्षिण हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमित इलाकों में बादलवाही के बीच बूंदाबांदी/हल्की बारिश कुछ-एक जगह होने की संभावना है।

10 जनवरी को गुजरात, राजस्थान व पश्चिमी मध्यप्रदेश से WD का असर हट जाएगा।
लेकिन बुंदेलखंड, अवध, पूर्वांचल व पूर्वी मध्यप्रदेश में हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी। कुछ जगह तेज़ बारीश-ओलावृष्टि भी हो सकती है।

वही पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान, दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बादलवाही वाला मोसम रहने की उम्मीद है। बारिश की ज्यादा सम्भावना नही है लेकिन दिल्ली, दक्षिण हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कही-2 बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है।

11 जनवरी को WD के गुजरने के बाद उत्तर भारत मे मोसम साफ हो जाएगा। मैदानी इलाकों में तेज़ उत्तर-पश्चिमी हवाओ का बहाव बढ़ेगा। सुबह के समय कही हल्का तो कही घना कोहरा छाएगा, जो दिन में साफ हो जाएगा। लेकिन जहाँ कोहरा नही छाएगा, वहाँ न्यूनतम तापमान 1°/2° तक गिर सकता। जिसके कारण पाला जमने की परिस्तिथियां अनुकूल हो जाएगी।

11 जनवरी को WD उत्तर में पहाडो से आगे निकल जाएगा, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी हवाओ का प्रवाह मैदानी इलाकों में बढ़ेगा।

उत्तर भारत मे अगला बारिश का दौर 15 जनवरी के आसपास आने की उम्मीद है, जोकि फिलहाल कमजोर ही लग रहा है और इसका प्रभाव सिर्फ पहाडी राज्यो तक ही सीमित रहने की संभावना ज्यादा है। मैदानी इलाकों में बारिश जैसी गतिविधियों के होने की उम्मीद नहीं है।

आगे की जानकारी समयानुसार दे दी जाएगी।

©Weather of Bharat

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